Monday, 4 June 2018

00:56

इंजीनियरिंग की लड़की की पहली चुदाई

इंजीनियरिंग की लड़की की पहली चुदाई

सभी दोस्तों का मैं रॉकी आज अन्तर्वासना.कॉम पर स्वागत करता हूँ. मैं आप सबको अपनी आपबीती सुनाने जा रहा हूं. यह मेरी पहली सेक्स स्टोरी है, आईये सीधे कहानी सीधे पर चलते हैं.
मेरी लम्बाई ज्यादा नहीं बस 5 फुट 5 इंच ही है, लेकिन मैं किसी भी लड़की या भाभी को बखूबी सन्तुष्ट कर सकता हूँ.
वैसे तो मैं बरेली के पास शाहजहांपुर का रहने वाला हूँ. पर अभी दिल्ली में एक सरकारी कंपनी में इंजीनियर हूँ.
बात उस टाइम की है… जब मैं अपना डिप्लोमा करने पीलीभीत आया. यूँ तो मेरी क्लास में बहुत सी लड़कियां थीं लेकिन कोई खास नहीं थीं. ऐसा नहीं था कि मैंने किसी को पटाने की कोशिश नहीं की हो, लेकिन मेरे से ये सब न हो सका.
एक दिन मेरी मेकनिक्स की क्लास थी तो सब अपना अपना जॉब वर्क कर रहे थे. तभी मेरी नज़र एक नई लड़की पर गई, वो बला की खूबसूरत थी. उसका फिगर 34-30-36 का रहा होगा. उसकी आँखें गोल गोल और बड़ी सी थीं. उसके चूचे भी काफी बड़े थे. मैं तो उस पटाखा को देखता ही रह गया और सोचने लगा कि काश ये लड़की मिल जाती तो दबा कर चोद दूँ. मैंने ध्यान से देखा, उसकी लंबाई 5’7″ थी, वो मेरे से थोड़ा लंबी थी.
उस दिन उससे कोई बात नहीं हो पाई. उसको देख कर बस लंड खड़ा हो गया था. मैं खड़े खड़े ये सोच रहा था कि जो लड़की इतनी सुन्दर है, उसकी चूत कितनी रसीली होगी, जिस लड़की को देखने मात्र से मुझे इतना मज़ा आ रहा है, उसको चोदने में कितना मज़ा आएगा.
तभी मेरे रूम पार्टनर जो कि हर टाइम मेरे साथ रहता है, उसने मुझे हिला कर कहा कि क्या सोच रहा है बे?
मैं- कुछ नहीं.
रूम पार्टनर- तेरा काम हो गया हो तो चलें?
मैं- हाँ, चल यार रूम पर चलते हैं.
हम लोग अपने रूम पर चले आए. फिर शाम को मैंने सारी बात अपने रूममेट को बताई, तब उसने मुझे बताया कि अरे उस लड़की की बात कर रहा है, उसका नाम ऋतु है और वो इलेक्ट्रीकल ब्रांच की है और हाँ… उसके पीछे कई लड़के पागल हैं. कई अपने सीनियर भी उसकी जवानी भोगने के चक्कर में हैं.
साला ये सुन कर मेरी तो हवा ही निकल गई. खैर रात को मैंने पढ़ाई करने के बाद उसके उसके नाम की मुठ मारी और सो गया. आज मुझे मुठ मारते वक्त इतना मज़ा आया, जितना पहले कभी नहीं आया था… जितना उसको ख्यालों में चोदने का सोच कर आज मुठ मार कर आया था.
फिर तो रोज़ का यही काम हो गया था. उसको कॉलेज में देखना और रूम पर आ कर मुठ मारना.
फिर एक दिन हम लोग अपने रूम पर कॉलेज से वापस आ रहे थे. दोपहर का समय था. हम लोग (मैं और मेरा रूममेट) सड़क एक किनारे से चले जा रहे थे, तभी एक लड़की हमारे पास से निकली… वो साइकिल से थी. तभी सामने से एक ट्रक वाला तेज़ी से निकल गया, जिसके कारण उस लड़की का बैलेन्स बिगड़ गया और वो सड़क के किनारे जा गिरी. हम लोग ने देखा तो दौड़ कर गए. देखा तो वो हमारे कॉलेज की ऋतु थी. हम लोग उसे उठा कर अपने रूम पर ले आए.
मैं उसे देख कर बहुत खुश था. उसको हल्की चोट लगी थी, मैंने उसकी चोट पर दवा लगा कर पट्टी कर दी.
फिर कुछ टाइम बाद जब वो नार्मल हो गई, तब उसने मेरा नाम पूछा और थैंक्यू बोला. जब वो जाने लगी तो उसने मेरे गले लगकर थैंक्स बोला. उस टाइम जब वो मेरे गले लगी, तो उसके मोमे मेरे सीने को स्पर्श कर रहे थे. तब मुझे बड़ा सॉफ्ट सॉफ्ट सा लग रहा था और मेरा लौड़ा खड़ा हो चुका था. जिसकी लंबाई साढ़े छह इंच की हो चुकी थी. शायद मेरे इस खड़े लंड का आभास उसको भी हो चुका था, वो उस समय थोड़ा ललचाई नज़रों से देख रही थी, लेकिन वो अलग होकर जाने लगी.
मैंने उससे कहा- रोज़ पट्टी करवाती रहना.
वो मुझे अजीब सी नजरों से देखते हुए ओके बोल कर चली गई. उस दिन से वो मुझे अच्छी से तरह जान गई थी.
अगले दिन कॉलेज में मिली तो मैंने पूछा- पट्टी करवाई?
ऋतु- नहीं…
मैं- क्यों?
उसको घुटने के थोड़ा ऊपर चोट आई थी.
ऋतु- मुझे किसी को वो जगह दिखाने में शर्म आती है.
मैं- फिर मुझसे कैसे पट्टी करवा ली?
ऋतु- तुम नहीं करते तो कौन करता!
मैं- अच्छा तो फिर मेरे रूम पर आ जाना, मैं कर दूंगा.
उसने मेरा नंबर लिया और चली गई, जाते टाइम वो एक कातिलाना स्माइल दे कर गई. मैं समझ गया कि लड़की सैट हो गई है.
ये सारी बात मैंने अपने पार्टनर को बताई और कहा- कल तू दीदी के यहाँ चला जा. मौका मिला तो मैं कल उसे चोद दूंगा.
वो मान गया.
अगले दिन जब वो चला गया. कुछ टाइम बाद ऋतु का कॉल आया, वो बोली- मैं आ रही हूँ.
मैंने बोला- आ जाओ.
कुछ देर में वो आ गई. आई तो मैं नीचे कपड़े धो रहा था. उसने जीन्स और कुर्ती पहन रखी थी. ऋतु ने आते ही हैलो बोला. मैंने उसे ऊपर कमरे में चलने को कहा… फिर मैं भी रूम में आ गया.
मैंने कहा- अपनी जीन्स निकाल दो.
तो वो हँस कर बोली- तुम्हारे सामने?
मैं- बाद में भी तो मैं ही देखूंगा.
फिर वो थोड़ा मुस्कुराई और जींस निकालने लगी. वो जैसे जैसे जीन्स निकाल रही थी, उसी के साथ मेरा लंड भी कड़क होता जा रहा था. उस टाइम मेरे लंड को रोक पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन था.
मैं- तुम बैठो, मैं अभी आता हूँ.
मैं बाथरूम में गया और मुठ मार कर आ गया. अब मैं उसकी नंगी जांघें देख रहा था. बहुत ही कोमल जांघें थीं. मैं अपने आप पर काबू नहीं कर पा रहा था. मैंने जैसे तेज़ पट्टी बांध दी. अब वो मुझे देखे जा रही थी और मैं धीरे धीरे उसकी जांघों को सहलाने लगा.
वो लंबी सांसें लेने लगी, मैंने तुरन्त मौका देखा और चौका मारते हुए उसके होंठों को अपने होंठों की गिरफ्त में ले लिया. शायद वो कुछ बोलना चाह रही थी, पर मैंने होंठ नहीं छोड़े. उसको किस करते करते उसकी कुर्ती निकाल दी. उसने ब्लैक कलर की ब्रा पहन रखी थी. मैं किस करते करते उसके चुचे तक आ चुका था. वो गरम हो रही थी, मैं उसकी ब्रा के ऊपर से ही चुचे दबा रहा था.
फिर उसने मेरे सर को हटाते हुए कहा- नहीं… मैं ये नहीं कर सकती, मुझे कुछ हो जाएगा.
मैं- कुछ नहीं होगा.
ऋतु- सब कहते हैं… बहुत दर्द होता है.
मैं- अरे नहीं स्टार्टिंग में थोड़ा दर्द होता है… फिर बहुत मज़ा मिलता है.
कुछ देर बाद वो मान गई.
फिर मैंने उसको बताया कि मैं तुमको पहले दिन से ही पसंद करता हूँ… आई लव यू ऋतु!
उसने भी लव यू टू का जबाब दिया.
मैंने उसे गले लगा लिया और पीछे हाथों से ब्रा का हुक खोलने लगा, पर मुझसे नहीं खुला तो वो हँसने लगी और खुद ही ब्रा खोल कर मुझे दूध की तरफ इशारा करके आमंत्रित करने लगी.
उसके 34 के चूचे देख कर मैं तो पागल हो गया. मैंने उसके मम्मों को चूसना शुरू कर दिया. अब तो वो पगली सी सिसकियां ले रही थी- आह… शिईय… आह… सीई… उह्ह्हो…
फिर मैं उसके पेट पर उसकी नाभि पर जीभ फेरने लगा. वो और भी गरम हो गई और मैं धीरे धीरे उसकी नाभि के नीचे तक अपनी जीभ को गोल गोल घुमा रहा था और वो अपने पेट को बार बार ऊपर की तरफ उछाल रही थी.
मैं धीरे से नीचे आ गया, तब तक उसकी पैंटी पूरी भीग चुकी थी. मैंने एक झटके में ही उसकी पैंटी को उसकी टांगों से अलग कर दिया था. अब उसकी सील पैक चूत मेरे बिल्कुल सामने थी.
पहले मैंने उसमें एक उंगली घुसाई तो उंगली ही बड़ी मुश्किल से अन्दर गई. अब उसको और जोश चढ़ रहा था. वो बार सिसकारी ले रही थी- सी… इस्स्ससस्स… उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओह… रॉकककी चोद दो मुझे प्लीज… आह मैं मर जाउंगी… अब और मत तड़पाओ…
मगर मैं कहाँ मानने वाला था और मैंने उसकी चूत के अन्दर अपनी जीभ घुसा दी. उसकी मादक सिसकी निकल गई.
उसने अपने दोनों हाथों से बैड की चादर को भींच लिया और कमर को ऊपर करके चुत मेरे मुँह से सटा कर बोलने लगी- आह और मत तड़पाओ… चोद दो मुझे…
मैं उसकी चूत चाटे जा रहा था.
फिर मौका देख कर मैंने अपने सारे कपड़े भी उतार दिए. वो मेरा मोटा लंड देख कर डर गई और बोलने लगी- इतना मोटा… मैं मर जाऊँगी!
मैंने कहा- कुछ नहीं होगा, चिंता मत करो… मैं बड़े आराम से तुमको पेलूंगा.
मैंने अपना कड़क हो चुका लंड उसकी तरफ बढ़ा दिया. लेकिन उसने लंड को चूसने से मना कर दिया. पर वो मेरे कहने पर मान गई और लंड को चूसने लगी.
दोस्तो, आप समझ नहीं सकते कि मुझे लंड चुसाई में कितना आनन्द आ रहा था. जैसे मैंने तो जन्नत की सैर ही कर ली हो. पूरे 5 मिनट तक लंड चुसाई करने के बाद अब मुझे भी अकड़न का अहसास होने लगा था. तब तक वो एक दो बार झड़ चुकी थी. मैं फिर से उसकी चूत का रस पान करने लगा.
अब उससे बर्दाश्त नहीं हो रहा था. मैंने लंड को उसकी चूत पर सैट किया और उसकी टांगों को अपने कंधे पर रखा कर एक हल्का सा पुश किया.
वो चिल्ला पड़ी- औउई मर गई माँ…
मैंने उसके माथे पर हाथ फेरते हुए आराम दिलाया और जब आराम सा हुआ और वो चुप हुई, तब उसको बिना बताये ही एक तेज़ धक्का मार दिया. साथ ही मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से कस लिया ताकि आवाज बाहर तक न जाए. उसकी आँखों से आंसू आ रहे थे और वो छटपटा रही थी. पर मैंने ये सब इग्नोर कर दिया और रुक रुक कर शॉट मारता रहा.
कुछ देर बाद जब लंड ने चूत में जगह बना ली तो वो भी मज़े लेने लगी और पूरे रूम में फच फच… की आवाज आने लगी. अब वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी और बोल रही थी- यस रॉकी फ़क मी हार्डर!
अब मैंने उसको दूसरी पोजीशन में चोदना शुरू कर दिया. उसको अपनी गोद में बैठा कर उस पर धक्के लगा रहा था और वो भी गांड उठा कर चुदाई के मज़े ले रही थी. कुछ देर उसको चोदने के बाद मेरी कमर भी दर्द करने लगी थी. ऐसे में उसकी चूत से से निकला खून और उसका योनि रस मिल कर भी बाहर आ रहा था.
फिर मैंने उसको अपने ऊपर ले लिया. अब वो मेरे लंड के ऊपर नीचे हो रही थी.
वो बोलने लगी- मेरा होने वाला है…
वो मेरे ऊपर ही झड़ कर गिर गई और जोर जोर सांसें लेने लगी. मैं अभी तक झड़ा नहीं था, तो मेरा जोश और बढ़ गया था. मैं भी 10-15 जोर जोर के झटके लगा कर निढाल हो गया.
कुछ देर बाद जब दोनों नार्मल हुए तो मैंने पूछा- कैसा लग रहा है?
तो कहने लगी- बरसों की थकान आज दूर कर दी तुमने… आई लव यू रॉकी
उसके चहरे पर सेटिस्फिकेशन दिख रहा था. हमने एक दूसरे को साफ किया और बाथरूम में जाकर नहाए. एक दूसरे के जिस्म से खेलते हुए बाहर आ गए.
फिर वो कपड़े पहन कर जाने लगी और एक जोरदार किस करके बोली- मैं फिर आऊँगी… तुमने मुझे आज मेरी सील तोड़ कर लड़की से औरत बना दिया है. मैं बहुत खुश हूँ.

Sunday, 3 June 2018

07:05

गुजराती भाभी की चुदाई की देसी स्टोरी

गुजराती भाभी की चुदाई की देसी स्टोरी

हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम राहुल है, मेरी पिछली स्टोरी
के लिए मुझे आप सभी के काफ़ी सारे रिप्ला मिले, मुझे बहुत अच्छा लगा. उसमें काफ़ी सारी लड़कियों के मेल भी थे, मैंने उनमें से कई के साथ भी बात की और कुछ के साथ ज्यादा ही बात की. उनके सभी साथ मैंने अपने ईमेल रिलेशन को अभी तक बनाए रखा है, लेकिन मुझे लड़कियों से ज़्यादा आंटी और भाभी में इंटरेस्ट है.
इस कहानी में मैंने एक भाभी के बारे में लिखा है, जो कि मुझे पिछले महीने अहमदाबाद के बोपल एरिया के गोटिला गार्डेन में मिली थीं. उनका नाम अपूर्वा है, वो अपने बच्चे के साथ आई थीं. भाभी दिखने में 27 साल की लग रही थीं. उन्होंने उस वक्त लैगीज और कुर्ता पहन रखा था. उस ड्रेस में से भाभी की जांघें और गांड का आकार पूरी तरह से पता लग रहा था. भाभी की चुचियां ज़्यादा बड़ी नहीं थीं, लेकिन उनकी गांड बहुत ही अच्छी तरह से उठी हुई थी, बिल्कुल राउंड शेप में.
मैं भी उधर अपनी गर्लफ्रेंड के साथ आया हुआ था. हम सभी ने पहले नाश्ता किया और फिर रैकेट खेलने लगे. गेम खेलते वक्त भाभी का बेटा, जोकि 5 साल का था, वो बार बार बीच में आ रहा था. भाभी उसको डांटकर वापिस ले जाती थीं… लेकिन वो लड़का तब भी नहीं मान रहा था.
भाभी ने गुस्से से अपने बेटे को गाल पर ज़ोर से चांटा लगा दिया, तो बेटा ज़ोर से रोने लगा. उस टाइम मुझे बहुत बुरा लगा, मैंने भाभी को बोला- आपको ऐसा नहीं करना चाहिए.
अब भाभी उसको चुप करवाने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन वो चुप ही नहीं हो रहा था. मैंने उसके बेटे को रैकेट दिया तो वो जल्दी से खड़ा हो गया और मेरी गर्लफ्रेंड के साथ खेलने लगा. अब वो बहुत ही खुश दिख रहा था. भाभी ने भी उसको पहली बार इतना खुश देखा था, ऐसे ही बातें चलती रहीं और भाभी को पता लगा कि हम दोनों हर संडे को गोटिला गार्डेन में खेलने के लिए आते हैं.
इसके बाद भाभी भी हर संडे आने लगीं और साथ में उसका बेटा भी आने लगा. इस तरह भाभी हमारे साथ घुल मिल गईं. उन्होंने एक संडे को हमको खाने पे इन्वाइट किया, तो वहां उनके पति के साथ भी मुलाक़ात हुई.
अब हमारे रिश्ते एकदम पारिवारिक हो गए थे. भाभी मुझसे अपनी हर बात शेयर करने लगी थीं. यहां तक कि उनको कोई भी काम होता था तो वे मुझे बोल देती थीं.
फिर एक दिन भाभी का कॉल आया कि उनके बाथरूम में गरम पानी नहीं आ रहा है, मेरे पति भी नहीं हैं. मुझे समझ नहीं आ रहा है कि क्या करूँ.
भाभी की परेशानी समझ कर मैं उनके घर, समस्या देखने के लिए चला गया. मैंने वहां जाकर गीजर को ठीक किया, तो भाभी खुश हो गईं.
मैं चलने लगा तो भाभी बोलीं- रूको, चाय पीकर जाना.
वो मेरे लिए चाय लेकर आईं और हम दोनों बैठ कर बात करने लगे और चाय की चुस्की लेने लगे.
भाभी से बातों के दौरान पता लगा कि उसके पति मार्केटिंग टूर पे गए हैं और बेटा प्ले ग्रुप में गया था.
मैंने महसूस किया कि भाभी मुझे चोरी छुपे बार बार देख रही थीं. मैंने ध्यान से देखा तो मुझे वो थोड़ी टेन्शन में सी लगीं.
मैंने उनसे पूछा- क्या बात है भाभी?
उन्होंने बताया कि जैसे आप मेरे बेटे को और मुझको खुश रखने की कोशिश करते हो, वैसे जिसको करनी चाहिए, वो नहीं करता है.
मैं समझ गया कि भाभी अपने पति से खुश नहीं हैं. वे इस तरह की बातें करते हुए रोने लगीं और मेरे करीब होकर मेरे कंधे पर सर रख कर सुबकने लगीं.
मैंने भाभी को ऐसे ही सांत्वना देते हुए अपने गले से लगा लिया और उनकी पीठ को सहलाते हुए कहा कि चिंता मत करो… भाभी मैं हूँ ना… आपको किसी भी चीज़ की ज़रूरत हो, मुझे याद कर लेना.
भाभी को अपने गले से लगा कर सहलाने से मेरे शरीर में तो करंट सा दौड़ गया था. क्योंकि मेरे गले लगाने से भाभी मुझसे कुछ ज्यादा ही चिपक गई थीं. मैंने महसूस किया कि भाभी मुझे छोड़ना ही नहीं चाह रही थीं.
मैंने अलग होने का प्रयास किया तो भाभी ने मुझे जकड़ लिया और बोलीं कि मुझे तुम्हारी दिलासा से बहुत अच्छा लग रहा है.
फिर दस मिनट के बाद हम दोनों अलग हुए. मैंने भाभी की तरफ देखा तो भाभी मुझे प्यासी नजरों से देख रही थीं.
फिर मैं वहां से चला आया. दूसरे ही दिन उन्होंने मुझे फिर कॉल किया और बताया कि आज मेरे बाथरूम के शावर में पानी नहीं आ रहा है, प्लीज़ जल्दी आ जाओ.
मैं जल्दी से भाभी के घर चला गया और बाथरूम में जाकर देखने लगा. भाभी भी मेरे साथ ही बाथरूम में खड़ी थीं. फिर मैंने डाइवरटर को ओपन किया और भाभी को डाइवरटर पे हाथ रखने को बोला कि आप हाथ लगाना, मैं पानी शुरू करता हूँ.
जैसे ही मैंने वाल्व ओपन किया तो पानी इतने तेज प्रेशर से आने लगा कि भाभी उसको रोक नहीं पाई और तभी शावर से भी पानी गिरने लगा. तो भाभी इससे एकदम से चौंक गईं और पीछे खिसक गई. इस चक्कर में भाभी की गांड मेरे लंड पे दब गई. चूंकि पूरी ताकत से मेरे ऊपर आ गई थीं, तो मेरे मुँह से भी ‘आह निकल गई. उधर भाभी को भी थोड़ा पता लगा कि उनकी गांड में कुछ सख्त सा आइटम चुभ रहा है, तो वो मेरी तरफ घूम गईं और मुझसे सॉरी बोलने लगीं.
मैंने भी भाभी को ‘इट्स ओके…’ बोल दिया. अब मैंने पीछे देखा तो पानी का प्रेशर सीधा भाभी की गांड के बीचों बीच में लग रहा था तो उनकी आँखें बंद हो गई थीं और उनके होंठ कांप रहे थे.
मुझे पता चल गया कि भाभी गरम हो चुकी हैं, मैंने भी मौके पर चौका मारके उनको अपनी बांहों में खींच लिया और उनको किस करने लगा. मेरा किस करना शुरू हुआ तो भाभी भी मुझे चिपक गईं और किस में मेरा साथ देने लगीं.
मैंने भी भाभी के गालों पर पूरी दम से किस करते हुए उनके मस्त मम्मों पर एक हाथ रख कर उनकी एक बॉल दबाने लगा. मेरा दूसरा हाथ भाभी की गांड पे फिरने लगा. अब वो गरम हो चुकी थीं.
मैंने मेन वाल्व बंद किया और कपड़े उतार कर बेडरूम में जाने लगा. भाभी मेरे आगे चल रही थीं, उनकी गांड तो ऐसे मटक रही थी कि जैसे कोई तरबूज हो, बिल्कुल राउंड शेप में थी.
मैंने भी अपने मन में सोच लिया था कि आज भाभी की गांड भी ज़रूर मारूँगा.
बेडरूम में जाके भाभी मुझे लिपट गईं और मुझे किस करने लगीं. फिर अलग होकर बोलीं कि थोड़ा सोमरस भी साथ ले लें.
मैं हामी भर दी और भाभी ने शराब की बोतल से दो पैग बनाए. हम दोनों ने एक एक पैग ड्रिंक की और फिर आगे के काम पर लग गए.
अब हम दोनों 69 की पोज़िशन में आ गए थे. मैं उनकी चूत चाटने लगा था, मुझे उनकी चूत की महक बड़ा कामुक कर देने वाली लगी. मैं अपनी जीभ को अन्दर घुसा कर चाट रहा था. भाभी भी मेरे लंड को पूरा मुँह में गले तक लेकर चूस रही थीं.
फिर मैंने भाभी को सीधा लिटाया और उनकी चुत चाटने लगा. इस वक्त मैं भाभी की चुत को पूरे ज़ोर से चाट रहा था तो उस दौरान भाभी की मदभरी आवाज निकल रही थी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… क्या खा ही जाओगे… आह…
उनकी कामुक आवाज़ मुझे और अधिक गरम कर रही थी. तभी भाभी अकड़ गईं और वो मेरे सिर को पकड़ कर चुत के अन्दर दबाने लगीं. मैंने भी पूरा मुँह खोल कर उनकी पूरी चूत मुँह में भर लिया. तभी भाभी ने अपनी चुत का पानी छोड़ दिया और मैंने उनकी चूत का सारा पानी मुँह में ले लिया. आह भाभी की चूत का पानी का बिल्कुल नमकीन टेस्ट था.
चुत का पूरा पानी पीने के बाद मैंने भाभी की चूत को चाट कर साफ़ कर दी. फिर मैं खड़ा हुआ तो मेरे होंठ पर भाभी की चूत का रस लगा था. भाभी ने देखा तो वो झट से मेरे होंठों पर अपने होंठों से किस करके अपनी चुत रस को चाटने लगीं. इस वक्त बड़ा ही गरम माहौल बन गया था, जिससे भाभी फिर से चुदासी हो गईं.
अब मैं बेड पे लेट गया था. वो अब मेरे लंड को चूस रही थीं. वो भी पूरा लंड मुँह में ले रही थीं. भाभी इस वक्त पूरे जोश में मेरा लौड़ा चूस रही थीं. उस टाइम उनकी ऐसी आवाज़ आ रही थी, जैसे वो कुल्फी को चचोर रही हों.
दस मिनट के बाद मैं झड़ने को हुआ तो मैंने भाभी के मुँह को पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा. मेरी चरम सीमा के अंत में मैंने ज़ोर देकर पूरा लंड उनके गले तक घुसा दिया. वो ‘उम्म… उम्म…’ करने लगीं और मैंने पूरा माल सीधा उनके गले में उतार दिया.
फिर हम दोनों थोड़ी देर ऐसे ही पड़े रहे. इसके बाद हम दोनों ने एक एक पैग का मजा लिया. इससे फिर से सेक्स का मन होने लगा. मैंने भाभी की चूचियों को चूसा तो इस बार उन्होंने मेरे लंड को हिलाकर खड़ा किया और किचन से मक्खन लेकर आईं. भाभी ने मेरे लंड पर मक्खन लगा दिया. मैंने भी थोड़ा सा मक्खन लेकर भाभी की चूत में लगा दिया. अब मैंने लंड को भाभी की चूत के मुँह पर रखा और सुपारा घिसने लगा.
भाभी तेज साँसें ले रही थीं और बोल रही थीं- प्लीज़ अब घुसा भी दो… आह पूरा लौड़ा पेल दो मेरी चूत में… प्लीज़…
मैंने उनको थोड़ा और तड़पाया तो भाभी भड़क उठीं और ज़ोर से बोलीं- घुसा ना अन्दर मादरचोद जल्दी से…
मैंने माँ की गाली सुनी तो मैंने भी गाली देते हुए एक ज़ोर का झटका दे दिया- ले माँ की लौड़ी खा मेरा मूसल…
मेरा आधे से ज्यादा लवड़ा फ्च्छ करके भाभी की चूत के अन्दर चला गया.
भाभी भी ‘आहह आह… सस्स… स…’ करने लगीं. उनकी आँखें उबल पड़ीं… भाभी को दर्द होने लगा था. मैं आधे ही लंड को थोड़ी देर भाभी की चुत में हिलाता रहा. इसके बाद में मैंने एक झटका और दिया तो इस बार पूरा सात इंच का लौड़ा चूत की जड़ तक अन्दर चला गया.
वो ‘आअहह… आहह… मुऊउंमा…’ करने लगीं और रोने लगीं. मैंने भी परवाह किए बिना ज़ोर के झटके चालू ही रखे. पूरा रूम ‘प्पुउऊच… प्पुउउक्च पुउच्च…’ की आवाज से गूँज रहा था.
दस मिनट तक भाभी की चुत चुदाई के बाद मुझे अब उनकी गांड मारनी थी, तो मैंने उनको डॉगी स्टाइल में आने को बोला.
भाभी झट से कुतिया बन गईं.
अब मैंने भाभी की पूरी गांड के छेद में मक्खन भर दिया और अपने लंड पे भी मक्खन लगा कर अन्दर पेला तो लंड सटाक से अन्दर चला गया. भाभी की आह निकल गई और वो ‘आह सस्स… अम्म्म…’ करने लगीं.
मुझे लगा कि भाभी शायद गांड मराने की आदत है इसलिए इनको ज्यादा दिक्कत नहीं हुई. मैंने भाभी से पूछा- आपकी गांड तो चुदी हुई लग रही है भाभी?
तो उन्होंने बताया कि मैं बैंगन पे कंडोम लगा कर गांड में आगे पीछे करती रहती हूँ… क्योंकि मेरे पति का लंड बहुत ही सॉफ्ट है… तुम्हारे जैसा कड़क नहीं है… इसीलिए चूत के साथ गांड भी रमा हो गई है… अब तुम फ़ालतू की बातें छोड़ो और काम पर लग जाओ.
मैंने धीरे धीरे करके अपना पूरा लंड भाभी की गांड में डाल दिया. इसके बाद मैंने उनको थोड़ा झुकने को कहा तो उन्होंने ऐसा ही किया. अब भाभी की गांड ऊपर को उठ गई थी और उनके ऊपर मैं चढ़ कर गांड मार रहा था. मैं अपने लंड के जोर के झटके लगाने लगा.
ठप ठप ठप की मधुर आवाज़ के साथ वो आहह आहह आहह कर रही थीं और उनकी गांड स्प्रिंग की तरह दब के ऊपर नीचे हो रही थी, सच में बहुत ही मज़ा आ रहा था. थोड़ी देर में मैं झड़ने को हो चला था.
मैंने उनसे पूछा- माल कहां गिराना है?
उन्होंने कहा कि मेरी गांड की तुम ऊपर से तो मालिश करते ही हो, अब अन्दर भी क्रीम लगा कर मालिश कर दो.
मैं ज़ोर से झटके लगाने लगा, फिर मैंने एक ज़ोर से झटके के साथ पूरा लंड अन्दर घुसा दिया और भाभी से चिपक गया.
‘आहह आहह…’ मेरी आवाज निकली और मैं पूरा झड़ गया. वो भी गांड के होल को दबा के मेरे लंड को निचोड़ रही थीं. मेरे मुँह से लगातार ‘आह आह…’ निकल रहा था. मैं भी भाभी के ऊपर ऐसे ही थोड़ी देर पड़ा रहा.
फिर जब लंड नॉर्मल हुआ तो मैं उठकर अलग हो गया.

Wednesday, 8 February 2017

23:38

भाभी की चूत चुदाई की चाहत और मेरी हवस

23:12

नंगी नहाती भाभी को देखा तो… मस्‍त चुदाई



अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज पढ़ने वाले मेरे प्यारे दोस्‍तो, मेरा नाम बृजेश है, उत्‍तर प्रदेश का रहने वाला हूँ। मैं दिखने में एवरेज दिखता हूँ, मेरे लन्‍ड की साइज 6 इंच लम्‍बा तथा 2 इंच मोटा है।
मैंने सारी अन्‍तर्वासना सेक्स कहानियाँ पढ़ी हैं और मैं अपनी हिन्दी सेक्स स्टोरी आपके साथ शेयर करना चाहता हूँ।
यह कहानी आज से दो साल पहले की है जो मेरी और मेरी भाभी की है। भाभी दिखने एकदम मस्‍त माल दिखती हैं, उनकी उम्र 24 साल है और उनका फिगर 34-28-34 है। उनकी शादी चार साल पहले हुई थी।
मेरे भैया मुम्‍बई में जॉब करते हैं, साल में एक दो बार ही आते हैं, वो भी एक दो हफ्तों के लिए!

भाभी नंगी नहाती देखी

बात दरअसल तब की है जब मैं 12वीं में पढ़ता था। एक रविवार मैं घर पर बैठकर मूवी देख रहा था।
इत्‍तेफाक से उस दिन मैं और भाभी घर पर अकेले थे, उन्‍होंने मुझसे कहा- देवर जी, मैं नहाने जा रही हूँ!
तो मैंने सोचा कि क्‍यों ना आज भाभी को नंगी नहाती हुई देखा जाए… तो मैं जाकर बाथरूम दरवाजे के छेद से उनको देखने लगा।
भाभी बाथरूम में एकदम नंगी होकर नहा रही थी और अपनी चूत में उंगली डाल रही थी, उनको देखकर मेरा हाथ मेरे लोवर अपने आप ही चला गया क्‍योंकि वो इस अवस्‍था में और भी हॉट लग रही थी और मैं अपने लंड को आगे पीछे करने लगा।
उसके बाद से अब मैं लगभग रोज भाभी को नंगी नहाती देख कर मुठ मारा करता था। ऐसे ही तकरीबन दो महीने तक चलता रहा।
एक दिन मैं नंगी भाभी को नहाते हुए देख रहा था, भाभी दरवाजे की तरफ देख रही थी, शायद उन्‍होंने मुझे देख लिया था, मैं वहाँ से तुरन्‍त भाग कर अपने कमरे में चला आया।
भाभी थोड़ी देर नहा कर आईम, मुझे लगा कि आज मुझे डांट पडने वाली है लेकिन उन्‍होंने कुछ नहीं कहा।
फिर मेरे एक्‍जाम आ गये और मैं पढ़ाई करने में व्‍यस्‍त हो गया।
यह कहानी आप अन्‍तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
एक दिन मेरे भईया ने मुझे कॉल किया और कहा- बृजेश, तुम्‍हारी भाभी मायके जाना चाहती है, तू जरा अपनी भाभी को साथ लेकर चला जा!
तो मैंने कहा- ठीक है!
कुछ देर बाद भाभी मेरे पास आई और कहा- तुम्‍हारे भैया ने कॉल किया था?
तो मैंने कहा- हां!
तो उन्‍होंने कहा- तो कब चलना है?
मैंने कहा- चलूँगा लेकिन एक शर्त पर!
तो भाभी ने कहा- कौन सी शर्त पर?

भाभी की चूत

मैंने सीधे सीधे कह दिया- मुझे चूत चोदने का मन कर रहा है!
मेरे इतना कहते ही भाभी ने मुझे लबों पर चूम लिया, तो मैं भी उनका साथ देने लगा।
फिर मैंने धीरे से उनकी साड़ी हटाया और धीरे धीरे मैंने भाभी के सारे कपड़े उतार दिये, अब वो मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पैन्‍टी में थी। इस दौरान मैं उनको लगातार चूमे जा रहा था।
भाभी ने कहा- यह गलत बात है, तुमने मेरे सारे कपड़े उतार कर मुझे तो नंगी कर दिया और अपना एक भी कपड़ा नहीं उतारा?
मैंने कहा- भाभी, खुद ही उतार कर अपने देवर को नंगा कर दो!
फिर भाभी ने मेरे सारे कपड़े उतार दिये, अब मैं सिर्फ अन्‍डरवियर में था हम फिर से एक दूसरे को किस करने लगे।
दस मिनट लगातार किस करने के बाद हम दोनों अलग हुए।
अब मैंने भाभी की ब्रा और पैन्‍टी भी उतार फेंकी और उन्‍होंने मेरा अन्‍डरवियर उतार दिया, अब हम देवर भाभी बिल्‍कुल नंगे थे।
हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गये, भाभी मेरे लन्‍ड को और मैं भाभी की चूत को चाट रहा था।
कुछ देर के बाद हम दोनों साथ में ही झड़ गये, फिर हम एक दूसरे से अलग हुए और वो मेरे लन्‍ड से खेलने लगी।

भाभी ने कहा- आज से पहले मैंने इतना बडा और मोटा लंड नहीं देखा!
इतने में मेरा लन्‍ड फिर से खड़ा हो गया, मैंने भाभी को सीधा लिटाया और खुद उनके ऊपर आ गया, मैंने अपने लन्‍ड को उनकी चूत पर सेट करके एक धक्‍का लगाया जिससे मेरा आधा लन्‍ड भाभी की चूत में चला गया, भाभी की चीख निकल गई ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
वो तकरीबन 6 महीनों से नहीं चुदी थी जिसके कारण उनकी चूत थोड़ी टाइट थी।
मैंने थोड़ी देर रूककर एक झटका और मारा जिससे मेरा लन्‍ड भाभी की चूत में पूरा चला गया।
थोड़ी देर रूकने के बाद जब उनका दर्द थोड़ा कम हुआ, मैंने झटके लगाने शुरू कर दिये और भाभी भी अपने चूतड़ उछाल कर मेरा साथ देने लगी।
10 मिनट चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था तो मैंने भाभी से कहा- मेरा होने वाला है, कहाँ झड़ूँ?
तो भाभी ने कहा- अन्‍दर ही छोड़ दो! मेरा भी होने वाला है!
फिर मैं झटकों को और तेज करते हुए उनकी चूत में ही झड़ गया। उस दिन मैंने भाभी को एक बार और चोदा, उनकी आँखों में संतुष्टि दिख रही थी।
दूसरे दिन मैं भाभी को उनके मायके छोड़ आया। भाभी के वापस आने के बाद मैंने उनसे उनकी बहन यानि की मेरे भाई की साली को चोदने की इच्‍छा जताई तो भाभी ने कहा- कुछ जुगाड़ करती हूँ।
तो दोस्‍तो, आपको मेरी भाभी की चूत चुदाई की कहानी कैसी लगी, मुझे जरूर बताइएगा ताकि मैं अपनी दूसरी कहानी भी आपके सामने पेश कर सकूँ।
आप कहानी के नीचे कमेंट्स कर सकते हैं, मुझे मेल कर सकते हैं।
23:05

भाभी की चूत ना मिली तो मैं मर जाऊँगा

दोस्तो, मैं अपनी भाभी से बहुत प्यार करता हूँ और उनको पिछले 5 साल से फॉलो कर रहा हूँ।
मेरी भाभी जब रात को सोती हैं तब उनके पास जाकर मैं उनकी मस्त गांड यानि चूतड़ों को टच करता हूँ, भाभी को किस भी कर चुका हूँ गालों पर सोती हुई के!
भाभी हमारे घर वालों को भी इस बारे में बता चुकी है एक दो बार… लेकिन मेरी फॅमिली मुझ पर बहुत विश्वास करती है इसलिए उनकी बात को सब ने अनदेखा कर दिया।

भाभी मुझसे अच्छे से बात करती है लेकिन मेरी उनके सामने कभी बोलने की यानि अपने वासना भरे प्यार का इजहार करने की हिम्मत ही नहीं हुई।
मेरी भाभी पिछले एक साल से बिना चुदी हुई रह रही हैं क्योंकि उनके पति यानी मेरे भाई दूसरे देश मे नौकरी करते हैं।
मेरी भाभी गाँव की गँवार अनपढ़ औरत हैं, उनकी उम्र 28 साल है, वो गाँव में ही रहती है, मैं शहर में रह कर पढ़ाई कर रहा हूँ, मेरी उम्र 21 साल है।
जब भी मैं गांव जाता हूँ तो सोती हुई भाभी के शरीर को छू कर, चूम कर प्यार करता हूँ।
अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज के बुद्धिमान पाठको, प्लीज़ कुछ आइडिया दो ना मुझे जिससे मैं अपनी प्यारी भाभी की चूत को चोद सकूँ, प्लीज़ जल्दी अपने सुझाव मुझे देना… नहीं तो मैं मर जाऊँगा उनके बिना!
मैं आपका यह अहसान कभी नहीं भूलूंगा… प्लीज़ जल्दी उत्तर देना मेरी बात का… मुझे कोई हाल बताओ कि मैं अपनी सेक्सी देसी भाभी की प्यासी चूत की प्यास बुझा सकूँ।
मैं पिछले 5 साल से मुठ मार रहा हूँ भाभी के सेक्सी बदन को याद कर कर के! मैं भाभी के बिना नहीं जी सकता, अगर मुझे भाभी ना मिली तो मैं मर जाऊँगा, मुझे बचा लो!
मेरे दोस्तो, अपने सुझाव, विचार राय नीचे कमेन्ट्स में लिखें।
धन्यवाद।